HPUILS, Shimla 17/09/2022
पंचवर्षीय विधिक अध्ययन संस्थान शिमला में आयोजित हुआ विशेष व्याख्यान
देश के युवाओं को स्वाध्याय करना चाहिए, और अध्ययन से प्राप्त ज्ञान को व्यवहार में लाते हुए समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ कार्य करना चाहिए। यही स्वामी विवकानंद के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। ये बात हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के माननीय न्यायमूर्तियों श्री विवेक सिंह ठाकुर ने शिमला में आयोजित विश्व वंधुत्व दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम के दौरान कही। स्वामी विवेकानंद की जीवन यात्रा एवं जीवन दर्शन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत एकमात्र संस्कृति है जिसने संपूर्ण विश्व को विश्व वंधुत्व का पाठ पाढ़ाया है और 1893 में शिकागो में आयोजित हुआ धर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद का भाषण इसका मजबूत उद्हारण है। युवाओं को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति श्री विवेक सिंह ठाकुर ने भारत की संस्कृति सर्वधर्म संभाव की संस्कृति है यहां प्राणी मात्र को एक समान दृष्टि से देखा गया है।
कार्यक्रम में आये सभी गणमान्य एवं छात्रों का धन्यावाद करते हुए विधिक अध्ययन संस्थान के निदेशक आचार्य डॉ शिव कुमार डोगरा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद युवाओं के लिए सबसे बड़े प्रेरणा स्त्रोत हैं। युवाओं को इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए कि नया विचार आने से पुराने संस्कारों का महत्व कम नहीं हो जाता। हमें दोनो में सामनजस्य स्थापित करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा शिमला की अखिल भारतीय आईटी सह संगठक दीदी कल्पना मेहता ने केंद्र की विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यपद्धति पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि विवेकानंद केंद्र देश और विदेश में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहा है। देश के जनजातीय क्षेत्रों में विवेकानंद केंद्र द्वारा सौ से भी अधिक स्कूल खोले गए है इसके अतिरकिक्त केंद्र संस्कृति संवर्धन की दिशा में भी अभूतपूर्व कार्य कर रहा है।
कार्यक्रम का आयोजन विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शिमला शाखा और हिमाचल प्रदेश पंचवर्षीय विधिक संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से पंचवर्षीय विधिक अध्ययन संस्थान के सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में संस्थान के सभी शिक्षक, छात्र एवं विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के अधिकारी शामिल हुए। धन्यावाद ज्ञापन विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी जिला शिमला सह प्रमुख मनीष शर्मा ने प्रस्तुत किया।
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